Tuesday 25 December 2018

महाराजा सूरजमल बलिदान दिवस

हिन्दू राजा महाराजा सूरजमल जाट के बलिदान दिवस 25 दिसम्बर पर कोटिशः कोटिश: नमन ।

एकमात्र सूरजमल महाराज ही ऐसे हिन्दू राजा हुए हैं जिनके भय से मुस्लिम बादशाहों ने अपने अपने राज में भी गौहत्या पर रोक लगा दी थी ( 1759 अवध के नवाब मीर बक्शी ने सूरजमल को पत्र लिखकर कहा था कि उनके राज में कभी कोई गौहत्या नहीं की जाएगी )

एकमात्र सूरजमल ही ऐसे हिन्दू शासक हुए है जिनकी मृत्यु पर उनके पास पूरे हिन्दुस्तान के राजा महाराओं बादशाहों नवाबों की बजाय ज्यादा आधुनिक और बड़ा शस्त्रागार था । एकमात्र सूरजमल ही ऐसे धनी हिन्दू राजा हुए हैं जिनकी मृत्यु के समय उनके राजकोष में संपूर्ण ऐशिया का सबसे ज्यादा धन था ।

एकमात्र महाराजा सूरजमल ही ऐसे हिन्दू राजा हुए हैं जिन्होंने मोतीडूंगरी की लड़ाई में सात राजाओं की सामूहिक 1 लाख की सेना को अपने 10 हजार सैनिकों से हरा दिया था ।

एकमात्र महाराजा सूरजमल ही ऐसे हिन्दू नरेश हुए हैं जिनकी भरतपुर रियासत पर न तो कभी मुगल जीत हासिल कर सके और न ही अंग्रेज ।

एकमात्र महाराजा सूरजमल ही ऐसे हिन्दू धर्मरक्षक हुए हैं जिनके बेटे ने अजान देने पर एक मौलवी की जीभ निकलवा दी थी।

एकमात्र महाराजा सूरजमल ही ऐसे राजा हुए है जिनके बेटे ने दिल्ली जीत ली थी ।

एकमात्र महाराजा सूरजमल ही ऐसे कुशल हिन्दू नेतृत्व करने वाले शासक हुए है कि युद्ध के मैदान में उनके साथ आम प्रजाजन भी अपने अपने हथियार लेकर युद्ध मे शामिल होते थे,

एकमात्र महाराजा सूरजमल ही ऐसे हिन्दू शासक हुए है जिन्होंने मराठो से परस्पर द्वेषभाव होने पर भी द्वेष व जातिवाद से उठकर एक सच्चा हिन्दू बनकर उनका निस्वार्थ भाव से साथ दिया।

एकमात्र भरतपुर नरेश महाराजा सूरजमल ही ऐसे हिन्दू राजा हुए है जिसका मात्र कूटनीतिक पत्र पढ़ने से अब्दाली वापिस अफगानिस्तान लौट गया ।

एकमात्र महाराजा सूरजमल ही ऐसे हिन्दू राजा हुए हैं जिनको बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक पंडित मदनमोहन मालवीय ने "हिन्दू धर्मरक्षक" कहकर संबोधित किया ।

महाराजा सूरजमल उन कुछेक चुनिन्दा महायोद्धाओं में से ऐसा महायोद्धा हुए हैं जिनकी प्रतिमा दिल्ली बिड़ला मंदिर में मदनमोहन मालवीय ने लगवाई है।

अतः हिन्दू धर्म के उस महान शासक एंव वीर शिरोमणि महाराजा सूरजमल को उनके बलिदान दिवस पर कोटि कोटि नमन।